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भारत का यह मंदिर है बेहद खास, जहां प्रसाद में चढ़ाया जाता है सोना-चांदी, कोई भी भक्त नहीं लौटता खाली हाथ…

भारत में कई खूबसूरत मंदिर हैं, जिनमें से कुछ बहुत पुराने और अनोखे हैं। दुनिया भर में कई मंदिर अपनी खास विशेषताओं और चमत्कारों के लिए मशहूर हैं। देश के इन मंदिरों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं और भगवान से अपने जीवन की कठिनाइयों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। भारत अद्भुत मंदिरों से भरा पड़ा है। अक्सर कई मंदिरों में ऐसे चमत्कार देखने को मिलते हैं, जिन्हें जानकर और देखकर लोग हैरान रह जाते हैं।

हालाँकि, ऐसे कई चमत्कारी धार्मिक स्थान हैं, जिनसे जुड़े रहस्य आज तक नहीं सुलझे हैं। हमारे देश में कई ऐसे मंदिर हैं जिनकी अलग-अलग मान्यताएं भी हैं। आमतौर पर देखा जाता है कि भक्त इन मंदिरों में जाकर अपनी मन्नत मानते हैं और जब उनकी मन्नत पूरी हो जाती है तो वे मंदिर में जाकर प्रसाद चढ़ाते हैं।

लेकिन शायद ही कम लोग जानते होंगे कि हमारे देश में एक ऐसा मंदिर भी है, जहां प्रसाद के रूप में आभूषण मिलते हैं। जी हां, इस मंदिर में भक्त आते तो हैं लेकिन अपने साथ सोने और चांदी के सिक्के भी लेकर जाते हैं।

दरअसल, आज हम आपको जिस मंदिर के बारे में बता रहे हैं वह मध्य प्रदेश के रतलाम में स्थित है। इस अनोखे मंदिर का नाम है महालक्ष्मी मंदिर। माता लक्ष्मीजी के इस मंदिर में साल भर भक्तों की भारी भीड़ लगी रहती है। भक्त यहां आकर करोड़ों रुपये के गहने और नकदी मां के चरणों में चढ़ाते हैं।

महालक्ष्मी मंदिर देश का एक ऐसा मंदिर है जहां दिवाली से पहले भक्त आभूषण और नकदी चढ़ाते हैं। कोई यहां नोटों की गड्डियां चढ़ाता है तो कोई यहां सोने-चांदी के आभूषण चढ़ाता है। यह मंदिर कुबेर के खजाने के नाम से भी प्रसिद्ध है।

आपको बता दें कि इस मंदिर की प्रसिद्धि कुबेर के खजाने के रूप में है। दिवाली के 5 दिनों में यहां कुबेर का खजाना ही नजर आता है। मंदिर को माला-फूलों से नहीं सजाया जाता, बल्कि पूजा में नोटों की मालाएं बनाई जाती हैं। सोने-चांदी के आभूषणों से सजावट की जाती है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि धनतेरस के दिन महिला श्रद्धालु यहां कुबेर की पोटली चढ़ाती हैं।

यहां आने वाले किसी भी भक्त को खाली हाथ नहीं लौटाया जाता, उन्हें कुछ न कुछ प्रसाद दिया जाता है। महालक्ष्मी मंदिर के बारे में यह भी मान्यता है कि धनतेरस से दिवाली तक जो कुछ भी देवी लक्ष्मी के चरणों में और उनके दरबार में चढ़ाया जाता है, वह कई गुना बढ़ जाता है।

यही कारण है कि भक्त अपना सोना-चांदी माता के चरणों में अर्पित करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे पूरे वर्ष सुख-समृद्धि आती है। एक सप्ताह के बाद भक्तों को उनका सोना और चांदी लौटा दिया जाता है। इसके लिए उनके पहचान संबंधी दस्तावेज जमा कराए जाते हैं। यह मंदिर अपनी खासियत के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।

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